Vedanta Share Price: एक बार फिर निवेशकों को Vedanta ने दिया ताबड़तोड़ तोहफा
Vedanta Share Price: खनन और धातु (Mining and metals) से जुड़ी कंपनी वेदांता लिमिटेड ने एक बार फिर लाभांश देने का इरादा जताया है। वित्त वर्ष 2024-2025 के लिए कंपनी ने शुक्रवार को 4 रुपये प्रति शेयर का दूसरा अंतरिम लाभांश देने की मंजूरी दी। कंपनी इसके लिए 1,564 करोड़ रुपये का भुगतान करेगी। हाल ही में कंपनी ने घोषणा की है कि शनिवार, 3 अगस्त, 2024 लाभांश भुगतान के लिए रिकॉर्ड (Record) तिथि है।
शुक्रवार को इस खबर के जवाब में वेदांता के शेयरों में उछाल आया। सप्ताह के आखिरी कारोबारी दिन शेयर 3% से अधिक बढ़कर 448 रुपये पर पहुंच गया। कारोबार के अंत में शेयर पिछले कारोबारी दिन से 2.98% बढ़कर 444.70 रुपये पर पहुंच गया।
निजीकरण और भारत (Privatisation and India) का भविष्य
वेदांता के मालिक अनिल अग्रवाल (Vedanta owner Anil Agarwal) ने कहा कि अगर भारत सरकार द्वारा संचालित कंपनियों भारत गोल्ड माइंस और हट्टी गोल्ड माइंस (Bharat Gold Mines and Hatti Gold Mines) का निजीकरण कर दे तो भारत एक महत्वपूर्ण सोना उत्पादक बन सकता है। वेदांता के चेयरमैन अग्रवाल ने सोशल नेटवर्किंग साइट ‘एक्स’ पर कहा कि हम अपनी 99.9 प्रतिशत जरूरतें आयात करके पूरी करते हैं। हमारे पास महत्वपूर्ण निवेश के साथ एक महत्वपूर्ण सोना उत्पादक और रोजगार प्रदाता (Gold producer and employment provider) बनने की क्षमता है। उन्होंने कहा कि भारत गोल्ड माइंस और हट्टी गोल्ड माइंस, दो महत्वपूर्ण सोना उत्पादक कंपनियों का सरकार द्वारा निजीकरण सबसे समझदारी भरा कदम है।
निजीकरण के लिए तीन आवश्यकताएं
उन्होंने कहा कि निजीकरण से पहले तीन आवश्यकताएं होनी चाहिए। परिसंपत्तियों को अलग-अलग टुकड़ों में विभाजित करने का कोई प्रयास नहीं होना चाहिए, कोई छंटनी नहीं होनी चाहिए और श्रमिकों को शेयर दिए जाने चाहिए। अग्रवाल के अनुसार, सरकार को देश की तांबा कंपनी हिंदुस्तान कॉपर लिमिटेड (Hindustan Copper Limited) में अपनी हिस्सेदारी बेचनी चाहिए। उन्होंने कहा कि तांबे और सोने के आयात को 10% तक कम करके 6.5 बिलियन अमेरिकी डॉलर (US Dollar) की विदेशी मुद्रा बचाई जा सकती है। सरकार को अतिरिक्त 3,500 करोड़ रुपये का योगदान दिया जा सकता है और कम से कम 25,000 रोजगार सृजित किए जा सकते हैं।