Sanghi Industries Share Price: हिंडनबर्ग की नई रिपोर्ट का अडानी के शेयर पर पड़ा बुरा असर
Sanghi Industries Share Price: अमेरिकी शोध और निवेश फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च की एक स्टडी की खबर का सोमवार को शेयर बाजार पर असर रहा। सांघी इंडस्ट्रीज समेत अडानी ग्रुप के कई शेयरों में गिरावट दर्ज की गई। सांघी इंडस्ट्रीज के शेयर 3 फीसदी गिरकर 89.65 रुपये के निचले स्तर पर आ गए। पिछले शुक्रवार को क्लोजिंग रेट 92.13 रुपये था। पिछले 52 हफ्तों में सबसे ज्यादा रेट 15 जनवरी 2024 को 156.20 रुपये था। 20 मार्च 2024 तक ये 83 रुपये पर बंद हुए थे। हालांकि मंगलवार को ये शेयर फिर थोड़ा चढ़ने लगे हैं और 90 रुपये पर कारोबार कर रहे हैं।
सांघी इंडस्ट्रीज के शेयरधारकों में प्रमोटर शामिल हैं जिनके पास 75 फीसदी और पब्लिक के पास 25 फीसदी हिस्सेदारी है। प्रमोटरों में अंबुजा सीमेंट्स (Ambuja Cements) की 58.08 फीसदी हिस्सेदारी है अडानी समूह की कई अन्य कंपनियों के शेयरों में भी सोमवार को गिरावट दर्ज की गई। दस सूचीबद्ध कंपनियों में से आठ ने शेयर की कीमतों में गिरावट दर्ज की। बीएसई सेंसेक्स ट्रेडिंग (BSE Sensex Trading) के बंद होने तक अडानी विल्मर को चार फीसदी की कमी का सामना करना पड़ा। अन्य प्रभावित कंपनियों में अडानी टोटल गैस, अडानी एनर्जी सॉल्यूशंस, एनडीटीवी, अडानी पोर्ट्स, अडानी एंटरप्राइजेज, एसीसी और अडानी पावर शामिल हैं। इसके विपरीत, अंबुजा सीमेंट्स और अडानी ग्रीन एनर्जी ने क्रमशः 0.55 प्रतिशत और 0.22 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की। अडानी एनर्जी सॉल्यूशंस ने दिन के कारोबार के दौरान 17 प्रतिशत की सबसे महत्वपूर्ण गिरावट देखी।
अन्य में अडानी टोटल गैस, एनडीटीवी और अडानी पावर शामिल हैं, जिनमें क्रमशः 13.39 प्रतिशत, 11 प्रतिशत और 10.94 प्रतिशत की गिरावट आई सप्ताहांत में जारी हिंडनबर्ग की नवीनतम रिपोर्ट में आरोप लगाया गया है कि सेबी की चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच और उनके पति धबल बुच ने बरमूडा और मॉरीशस (Bermuda and Mauritius) में स्थित अल्पज्ञात विदेशी फंडों में अघोषित निवेश किया है। रिपोर्ट के अनुसार, ये वही फंड हैं जिनका कथित तौर पर अडानी समूह के चेयरपर्सन गौतम अडानी के बड़े भाई विनोद अडानी ने धोखाधड़ी के उद्देश्यों के लिए इस्तेमाल किया था। इन गंभीर आरोपों के बावजूद, अडानी समूह और बुच दंपति दोनों ने आरोपों को निराधार बताते हुए खारिज कर दिया। बुच दंपति ने घोषणा की कि ये निवेश 2015 में किए गए थे, 2017 में माधबी पुरी बुच की सेबी (SEBI) में नियुक्ति और 2022 में उनके अध्यक्ष बनने से पहले। उन्होंने जोर देकर कहा कि ये सिंगापुर में रहने के दौरान किए गए निजी निवेश थे