Power Stock: रिलायंस पावर के शेयरों में लगातार आई तेजी, 5% का लगा अपर सर्किट
Power Stock: अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस पावर के शेयर में जबरदस्त उछाल आया है। शुक्रवार को रिलायंस पावर (Reliance Power) के शेयर 5 फीसदी बढ़कर 36.35 रुपये पर पहुंच गए। पिछले तीन दिनों से कंपनी के शेयर में तेजी का रुख है। पिछले सात दिनों से लगातार कंपनी के शेयरों में तेजी देखने को मिल रही है। पिछले साढ़े चार साल में कंपनी के शेयरों में तीन हजार एक सौ फीसदी से ज्यादा की तेजी देखने को मिली है।
रिलायंस पावर की पॉलिसी काफी चर्चा में रही है। रिलायंस पावर के शेयरों में 3475 फीसदी से ज्यादा की तेजी देखने को मिली है। 27 मार्च 2020 को रिलायंस पावर के शेयर की कीमत महज 1.13 रुपये थी। 20 सितंबर 2024 तक कंपनी के शेयर की कीमत 36.35 रुपये थी। इसी तरह पिछले साढ़े चार साल में रिलायंस पावर के शेयरों में 3116 फीसदी की तेजी देखने को मिली है। वहीं, पिछले तीन सालों में कंपनी के शेयरों में 177% की बढ़ोतरी हुई है। एक साल में रिलायंस पावर के शेयरों में नब्बे प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। 20 सितंबर 2023 को रिलायंस पावर 19.08 रुपये पर कारोबार कर रहा था। 20 सितंबर 2024 को रिलायंस पावर के शेयर 36 रुपये को पार कर गए।
कंपनी के शेयरों में 21% की हुई वृद्धि
पिछले पांच दिनों में रिलायंस पावर के शेयरों में 21 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। स्टॉक एक्सचेंज (Stock Exchange) में शामिल जोखिमों की संख्या के आधार पर वृद्धि होती है जो औसतन मुख्य रूप से तय होती है। 16 सितंबर 2024 को उनके शेयर की कीमत तीस दशमलव चार भारतीय रुपये थी। 20 सितंबर 2024 तक निगम के शेयरधारकों का पूंजीकरण छत्तीस दशमलव पैंतीस रुपये था। शेयर तीन दिनों से ऊपरी सिरेमिक सर्किट (Ceramic Circuit) पर है।
विश्वसनीय पावरशेयर तब, 38.07 रुपये पिछले बावन हफ्तों के दौरान हासिल की गई उच्चतम कीमत थी। रिलायंस पावर में एक दूसरा पहलू भी है, क्योंकि कंपनी के एक शेयर की कीमत 52 सप्ताह के लिए 15.53 रुपये पर स्थिर है। रिलायंस पावर के निदेशक मंडल सोमवार 23 सितंबर, 2024 को बैठक बुलाने के मुद्दे पर विचार करेंगे। इसमें इक्विटी शेयर या इक्विटी-लिंक्ड सिक्योरिटीज (Equity-Linked Securities) जारी करके लंबी अवधि के फंड को बढ़ाना शामिल है। कंपनी फिलहाल रिवर्स बुक बिल्डिंग, क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल प्लेसमेंट, राइट्स इश्यू और फॉरेन करेंसी कन्वर्टिबल बॉन्ड को विकल्प के तौर पर देख रही है।