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Share Market में फिर से लौटी रौनक, निवेशकों ने कमाए करोड़ों रुपए के मुनाफे

Share Market: मंगलवार को शेयर बाजार में एक बार फिर उछाल आया।तीन दिन बंद रहने के बाद मंगलवार को सेंसेक्स और निफ्टी (Sensex and Nifty) में उछाल देखने को मिला। मंगलवार को सेंसेक्स 1600 से ज्यादा अंकों की तेजी के साथ 76,852.06 अंकों पर खुला। निफ्टी में भी उछाल आया और यह 500 से ज्यादा अंकों की तेजी के साथ 23,368.35 अंकों पर खुला। अकेले मंगलवार की सुबह निवेशकों को करीब 8 लाख करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ। दूसरे शब्दों में कहें तो BSE का बाजार पूंजीकरण करीब 8 लाख करोड़ रुपये बढ़ा।

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शुक्रवार के कारोबारी सत्र में बाजार में तेजी रही। शुक्रवार को निफ्टी 429 अंकों की तेजी के साथ 22,828 पर बंद हुआ, जबकि सेंसेक्स 1,310 अंकों की तेजी के साथ 75,157 पर बंद हुआ। कहा जा रहा है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ या करों को 90 दिनों के लिए टालने के फैसले के कारण शेयर बाजार में तेजी आई है। ट्रंप ने 2 अप्रैल को अमेरिका को उत्पाद भेजने वाले 60 से अधिक देशों पर शुल्क लगा दिया

शुक्रवार को बाजार में तेजी की अगुआई ऑटो और दवा कंपनियों ने की। निफ्टी फार्मा और निफ्टी ऑटो दोनों इंडेक्स में क्रमश: 2.43 और 2.03 फीसदी की तेजी रही। इसके अलावा पीएसयू बैंक, वित्तीय सेवा, धातु, ऊर्जा और मीडिया (PSU Banks, Financial Services, Metals, Energy and Media) समेत हर इंडेक्स में तेजी रही। डॉ. भीमराव अंबेडकर जयंती के कारण सोमवार को भारतीय शेयर बाजार बंद रहा।

किस वजह से तेजी आई?

वैश्विक बाजारों का विस्तार और व्यापार तनाव में कमी की उम्मीद शेयर बाजार में तेजी की मुख्य वजह हैं। अमेरिकी प्रशासन ने संकेत दिया है कि वह कुछ टैरिफ राहत दे सकता है। खास तौर पर इलेक्ट्रॉनिक्स और सेमीकंडक्टर उद्योगों में। हालांकि, निवेशकों का मानना ​​है कि यह चीन के साथ एक महत्वपूर्ण व्यापार समझौते की दिशा में पहला कदम हो सकता है।

वैश्विक बाजार में दिखा असर

ट्रंप के फैसलों का असर वैश्विक शेयर बाजार में दिखा। एशियाई, यूरोपीय और अमेरिकी बाजार (Asian, European and American Markets) सभी सोमवार के कारोबारी दिन बढ़त के साथ बंद हुए। प्री-मार्केट ट्रेडिंग में प्रमुख अमेरिकी आईटी फर्मों के शेयरों में करीब 6 फीसदी की तेजी आई।

अधिकांश एशियाई बाजारों में तेजी देखी गई। ताइवान के भारित सूचकांक में लगभग 1.6 प्रतिशत की वृद्धि हुई। हांगकांग के हैंग सेंग सूचकांक में 0.07 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जापान के निक्केई 225 में 0.88 प्रतिशत की वृद्धि हुई, तथा दक्षिण कोरिया के कोस्पी में 0.79 प्रतिशत की वृद्धि हुई।

SIP से मिली सहायता

बाजार भारतीय निवेशकों में विश्वास जगाता रहता है। मार्च में नकदी की कमी के बावजूद भारतीय SIP निवेशकों ने इक्विटी म्यूचुअल फंड में 25,000 करोड़ रुपये से अधिक जमा किए हैं। इससे बाजार को काफी लाभ हुआ है।

11 अप्रैल को सबसे हालिया सत्र में विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) ने 2,519 करोड़ रुपये निकाले। 3,759 करोड़ रुपये का निवेश करके घरेलू संस्थागत निवेशक (DII) उसी समय शुद्ध खरीदार बने रहे।

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