Stock Market Crash Reason: शेयर बाजार क्यों नहीं ले रहा संभलने का नाम, जानें ये 5 बड़े कारण
Stock Market Crash Reason: शेयर बाजार में रोजाना हो रही तेज गिरावट से निवेशक चिंतित हैं। बाजार में तेजी का कोई संकेत नहीं दिख रहा है, क्योंकि मध्यम और छोटे आकार के शेयरों में पहले से ही गिरावट शुरू हो गई है और हैवीवेट इक्विटी (Heavyweight Equity) या बड़ी कंपनियों के शेयरों में भी गिरावट शुरू हो गई है। नए और पुराने सभी निवेशक चिंतित हैं कि पिछले महीने से बाजार में आई गिरावट और भी बदतर हो सकती है। क्योंकि पिछले साढ़े छह साल के रिटर्न या तो बंद हो गए हैं या अधिकांश पोर्टफोलियो (Portfolio) में बहुत कम स्तर पर आ गए हैं। सबसे महत्वपूर्ण मुद्दा यह है कि यह गिरावट कब तक जारी रहेगी।
शेयर बाजार में रोजाना गिरावट का सिलसिला जारी
आज की बात करें तो, सुबह 11.25 बजे निफ्टी 50 170 अंक गिरकर 23714 पर था। इसी समय सेंसेक्स 452 अंक गिरकर 78,229 पर था। निफ्टी बैंक जैसे अन्य इंडेक्स में भी गिरावट आई है। पिछले महीने निफ्टी इंडेक्स में 1400 अंक या 5.60 प्रतिशत की गिरावट आई है। केवल एक सप्ताह में 630 अंक या 2.60 प्रतिशत की गिरावट आई है। इस बीच, सेंसेक्स में 3770 अंक यानी 4.60 प्रतिशत की गिरावट आई है। सिर्फ़ एक हफ़्ते में 1500 अंकों की गिरावट यानी 2 प्रतिशत की कमी आई है।
निवेशकों ने गंवाए करोड़ों रुपए
13 अक्टूबर 2024 तक, बीएसई का बाज़ार पूंजीकरण 27 सितंबर को 477 लाख रुपये से गिरकर 432 लाख करोड़ रुपये रह गया था। दूसरे शब्दों में, इस दौरान निवेशकों के मूल्यांकन में 45 लाख करोड़ की गिरावट आई है। सीधे शब्दों में कहें तो निवेशकों ने पैंतालीस लाख करोड़ रुपये गंवाए हैं।
शेयर बाज़ार में रोज़ाना गिरावट का कारण
- शेयर बाज़ार में गिरावट की मुख्य वजह बड़ी कंपनियों का खराब तिमाही प्रदर्शन है। इसके नतीजों ने खास तौर पर एशियन पेंट्स, इंडसइंड बैंक और रिलायंस (Asian Paints, IndusInd Bank and Reliance) को चिंतित कर दिया है।
- दूसरा बड़ा कारण यह है कि मुद्रा चार महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है और यूएस 10-वर्षीय ट्रेजरी पर ब्याज दर बढ़ गई है, जिससे आज सीपीआई मुद्रास्फीति बढ़ सकती है। निवेशक डॉलर की मजबूती को लेकर खासे चिंतित हैं, क्योंकि विश्लेषकों का अनुमान है कि ट्रंप की सख्त व्यापार नीतियों और मजबूत आर्थिक विकास के कारण उनके पदभार ग्रहण करने के बाद मुद्रास्फीति बढ़ेगी।
- कल अक्टूबर के खुदरा मुद्रास्फीति (Retail Inflation) के आंकड़े सामने आए, जिसमें वृद्धि देखी गई। अक्टूबर में खुदरा मुद्रास्फीति 6.21 प्रतिशत रही। यह आरबीआई द्वारा निर्धारित 6 प्रतिशत की सीमा से अधिक है। 14 महीने बाद मुद्रास्फीति में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।
- भारतीय शेयर बाजार में विदेशी निवेश में भारी गिरावट देखी जा रही है। पिछले महीने शेयर बाजार से एक लाख करोड़ से अधिक की निकासी हुई। इसके विपरीत, अंतरराष्ट्रीय निवेशकों (International Investors) ने पिछले सप्ताह बीस हजार करोड़ रुपये निकाले। ट्रंप के आने के बाद वैश्विक बाजार में तेजी और निवेशकों की इसमें बढ़ती दिलचस्पी भारतीय बाजार से पैसे निकालने का मुख्य कारण है।
- कल रात भी विश्व बाजार (World Market) में गिरावट आई। अमेरिका, यूरोप, जापान और चीन के शेयर बाजारों में गिरावट आई। नतीजतन, अब भारतीय शेयर बाजार भी दबाव में है।
शेयर बाजार में कब होगा सुधार
विशेषज्ञों का दावा है कि शेयर बाजार की रिकवरी के संबंध में भारतीय बाजार (Indian Market) में उल्लेखनीय सुधार हुआ है। बाजार में कभी भी तेजी या गिरावट आ सकती है। अपने शिखर से लेकर अब तक शेयर बाजार में काफी गिरावट देखी गई है। उदाहरण के लिए, निफ्टी का 52-सप्ताह का उच्चतम स्तर 26,277.35 से गिरकर 23,677.60 अंक पर आ गया।