Gold Price Today

Gold Price Today: सोने की कीमत में आज हुआ इजाफा, यहां देखें ताजा भाव

Gold Price Today: मंगलवार को सर्राफा बाजार में मंदी छाई रही। सोने और चांदी की कीमतों में सपाट कारोबार देखने को मिला। दरअसल, स्थानीय बाजारों पर वैश्विक बाजार के असर का असर देखने को मिल रहा है। अमेरिकी व्यापार नीतियों के चलते शेयर से लेकर कमोडिटी बाजार (Commodity Markets) में हलचल मची हुई है। आज यानी 4 मार्च को वायदा बाजार में भी हलचल देखने को मिल रही है। इन दोनों ही संपत्तियों में धीमी गति से कारोबार हो रहा है। हम आपको बताना चाहते हैं कि सरकार ने कल चांदी और सोने के आयात को विनियमित करने के लिए कुछ समायोजन किए हैं। इसके परिणामस्वरूप मूल आयात मूल्य में सोने के लिए 11 डॉलर प्रति 10 ग्राम और चांदी के लिए 18 डॉलर प्रति किलोग्राम की कमी आई है।

Gold Price Today
Gold price today

सोने और चांदी की मौजूदा कीमतें

भारतीय वायदा बाजार में अभी भी तेजी जारी है। मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (Multi Commodity Exchange) यानी एमसीएक्स पर सोने और चांदी की कीमतों में तेजी देखने को मिल रही है। करीब 120 रुपये की मजबूती के साथ एमसीएक्स पर सोना सुबह के समय 85500 रुपये प्रति 10 किलो पर बिक रहा है। फरवरी में यह 86592 रुपये प्रति 10 ग्राम के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गया था। लेकिन चांदी की कीमत में गिरावट आ रही है। वायदा बाजार में चांदी थोड़ी कम कीमत पर कारोबार कर रही है। एमसीएक्स पर मई चांदी वायदा 30 रुपये की गिरावट के साथ 96025 रुपये प्रति किलो पर है।

केडिया एडवाइजरी (Kedia Advisory) के अजय केडिया के अनुसार टैरिफ प्रस्ताव की खबर का असर सोने की कीमतों पर पड़ रहा है। यही वजह है कि कीमतों में तेजी है। कमजोर डॉलर और सुरक्षित निवेश खरीद भी चांदी की कीमतों में तेजी में योगदान दे रही है। क्योंकि दोनों संपत्तियों पर अमेरिकी व्यापार नीति को लेकर चिंता हावी है।

सोने और चांदी का वैश्विक बाजार

अंतरराष्ट्रीय बाजारों में सोने और चांदी की कीमतों में सुस्ती के संकेत मिल रहे हैं। कॉमेक्स पर सोने की कीमत 2900 डॉलर प्रति औंस पर स्थिर है। चांदी की कीमत थोड़ी कम होकर 32.23 डॉलर प्रति औंस पर आ गई है। इससे पहले सोमवार को सोने की कीमतों में करीब 1 फीसदी की तेजी आई थी। नतीजतन कीमतें तीन सप्ताह के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई थीं। कमजोर डॉलर और सुरक्षित निवेश (Weak dollar and safe investments) ने इसके लिए उत्प्रेरक का काम किया। क्योंकि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ नीति के क्रियान्वयन को लेकर टकराव जारी है।