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Banking Law: बैंक खाताधारक के लिए गुड न्यूज! अब खाते में चार नॉमिनी जोड़ने का मिलेगा अधिकार

Banking Law: मंगलवार को लोकसभा ने बैंकिंग कानून (संशोधन) विधेयक-2024 को ध्वनिमत से मंजूरी दे दी। इस उपाय के तहत बैंक खाताधारक (Bank Account Holder) अपने खाते में चार नामांकित व्यक्ति जोड़ सकेंगे। इस विधेयक को पहले वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में पेश किया था। उनके अनुसार, इससे बैंकिंग उद्योग मजबूत होगा और निवेशकों और उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा होगी।

Banking Law
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उनके अनुसार, भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम 1934, बैंकिंग विनियमन अधिनियम 1949, भारतीय स्टेट बैंक अधिनियम 1955 और बैंकिंग कंपनियां (Acquisition and Transfer of Undertakings) अधिनियम 1980 सभी संशोधन के लिए तैयार हैं। इनका लक्ष्य बैंकिंग प्रशासन के लिए मानक बढ़ाना और बैंकों द्वारा RBI को दिए जाने वाले डेटा को मानकीकृत करना है।

यह याद रखना महत्वपूर्ण है कि वित्त मंत्री ने 2023-2024 के अपने बजट वक्तव्य के दौरान इस कानून की घोषणा की थी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, “नए संशोधन बैंकिंग क्षेत्र को और मजबूत करेंगे और ग्राहकों के हितों की रक्षा करेंगे।” बैंकों की स्थिरता बनाए रखने के लिए सरकार और RBI 2014 से ही बहुत सतर्क हैं।

विधेयक के महत्वपूर्ण पहलू

1. बैंक खाते के लिए नामांकित व्यक्ति की सीमा बढ़ाई जाएगी

इस उपाय के अनुसार, वर्तमान में एक के बजाय प्रत्येक बैंक खाते में चार नामांकित व्यक्ति होने चाहिए। विशेषज्ञों का अनुमान है कि जमाकर्ताओं, बैंक लॉकर मालिकों और उनके द्वारा नामित व्यक्तियों को इससे लाभ होगा।

2. दावा न किए गए धन की प्रतिपूर्ति

इस संशोधन से निवेशक शिक्षा और संरक्षण कोष (Investor Education and Protection Fund) के लिए दावा न किए गए लाभांश, ब्याज या बॉन्ड मोचन आय प्राप्त करना आसान हो जाएगा। इससे निवेशकों के हितों की रक्षा होगी और ग्राहकों के लिए फंड से अपना स्थानांतरण और धनवापसी प्राप्त करना आसान हो जाएगा।

3. पर्याप्त ब्याज स्थापित किया जाएगा

संशोधन के हिस्से के रूप में किसी व्यक्ति के उचित ब्याज की सीमा 5 लाख रुपये (1968 में स्थापित) से बढ़ाकर 2 करोड़ रुपये की जाएगी।

4. बैंकों द्वारा रिपोर्ट करने का समय बदला जाएगा

इस उपाय में RBI को बैंकों द्वारा वैधानिक फाइलिंग (Statutory Filings) की समय सीमा को आगे बढ़ाने का सुझाव दिया गया है। शुक्रवार की मौजूदा समयसीमा के बजाय अब रिपोर्ट महीने, तिमाही या दो सप्ताह के अंतिम दिन जमा करनी होगी।

यहां भी बदलाव होंगे

अध्यक्ष और पूर्णकालिक निदेशक को छोड़कर सहकारी बैंक (Co-operative Banks) के निदेशकों का कार्यकाल आठ से बढ़ाकर दस साल किया जाएगा।

केंद्रीय सहकारी बैंक के निदेशक को राज्य सहकारी बैंक के बोर्ड में पद रखने की अनुमति होगी।

इसके अलावा, बैंकिंग संशोधन विधेयक बैंकों को वैधानिक लेखा परीक्षकों को कितना भुगतान करना है, इस पर अधिक विवेकाधिकार देता है।

इस पर भी हुआ विवाद

पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी पर भाजपा के संबित पात्रा की टिप्पणी ने विधेयक पर बहस के दौरान लोकसभा में विपक्ष और सत्ताधारी दल (Opposition and Ruling Party) के बीच दरार पैदा कर दी। पात्रा ने इंदिरा गांधी से जुड़ी 1974 की एक घटना का जिक्र किया जिसकी विपक्ष ने आलोचना की। इस बीच, कई विपक्षी सदस्यों ने वित्त मंत्री के हिंदी के इस्तेमाल पर सवाल उठाए। उन्होंने इसका जवाब देते हुए कहा, “आप मुझ पर हिंदी थोप नहीं सकते।”

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