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Stock Market Outlook: भारत के शेयर बाजार में 2026 की संभावित नई उड़ान

Stock Market Outlook: भारतीय शेयर बाजार ने 2025 में उभरते बाजारों की तुलना में तीन दशकों का सबसे कमजोर प्रदर्शन दर्ज किया, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि यह गिरावट लंबे समय तक नहीं टिकेगी। प्रमुख वैश्विक ब्रोकरेज हाउस द्वारा जारी हालिया रिपोर्ट के अनुसार, बाजार 2026 में एक बार फिर मजबूत उछाल दिखा सकता है। रिपोर्ट में यह संकेत दिया गया है कि भारतीय अर्थव्यवस्था (economy) में चल रहे नीतिगत सुधार, बदलता निवेश माहौल और बढ़ती कॉर्पोरेट अर्निंग्स आने वाले वर्षों में बाजार को नई ऊंचाइयों की ओर ले जा सकते हैं।

Stock market outlook
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शेयर बाजार का हाल और सुधार के संकेत

2025 में भारतीय बाजार उभरते बाजारों की तुलना में काफी पीछे रहा और इसे पिछले 31 वर्षों का सबसे निराशाजनक प्रदर्शन माना गया। हालांकि, विश्लेषकों का मानना है कि जुलाई 2025 के बाद बाजार में दिखी स्थिरता और अक्टूबर में सुधरते वैल्यूएशन (improving valuations) यह बता रहे हैं कि निवेशकों का भरोसा दोबारा मजबूत हो रहा है। विदेशी निवेशकों की हिस्सेदारी भले ही ऐतिहासिक रूप से कम स्तर पर है, लेकिन घरेलू निवेशकों का बढ़ता योगदान बाजार को एक स्थायी आधार प्रदान कर रहा है। इसके साथ ही, कई सेक्टरों में लाभप्रदता की वापसी और बेहतर नकदी प्रवाह बाजार को आगामी वर्षों में मजबूती देंगे।

आर्थिक नीतियों का प्रभाव

रिपोर्ट में यह बताया गया है कि भारतीय रिजर्व बैंक (reserve Bank of India) और सरकार मिलकर एक ऐसी रणनीति पर काम कर रहे हैं जो बाजार की रफ्तार बढ़ाने में अहम भूमिका निभा सकती है। ब्याज दरों में कटौती, लिक्विडिटी बढ़ाने के प्रयास, बैंकिंग सिस्टम में लचीलेपन की पहल, कैपेक्स को प्राथमिकता देने और टैक्स सुधारों जैसी कोशिशों से अर्थव्यवस्था को अतिरिक्त गति मिलने की संभावना है। इसके अलावा, चीन के साथ संबंधों में सुधार और भारत–अमेरिका के बीच संभावित व्यापार समझौता बाजार भरोसा बढ़ाने में निर्णायक साबित हो सकते हैं।

वैल्यूएशन, अर्निंग्स और ग्रोथ के प्रमुख कारक

रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि भारत का वैल्यूएशन एक बार फिर आकर्षक स्तरों पर पहुंच सकता है। ऊर्जा आयात पर निर्भरता घटने, सेवा निर्यात के बढ़ने और वित्तीय अनुशासन बनाए रखने से निवेश वातावरण (Investment climate) मजबूत होगा। इससे रियल रेट्स में गिरावट आएगी और लंबी अवधि में बाजार को उच्च मूल्यांकन का समर्थन मिल सकता है। विशेषज्ञों ने अर्निंग्स ग्रोथ को आगे और मजबूत होने की भविष्यवाणी (Prediction) की है। निजी कैपेक्स में तेजी, बैंकिंग सेक्टर की स्वस्थ स्थिति, कॉर्पोरेट बैलेंस शीट का मजबूती, वैश्विक व्यापार से बढ़ती भागीदारी और घरेलू उपभोग का विस्तार—ये सभी भारत की ग्रोथ कहानी के प्रमुख स्तंभ बताए गए हैं।

सेंसेक्स के संभावित लक्ष्य

ब्रोकरेज हाउस ने सेंसेक्स के लिए तीन परिदृश्य जारी किए हैं। बेस केस में सेंसेक्स 95,000 तक पहुंच सकता है, जबकि बुल केस में यह 1,07,000 तक जा सकता है। बियर केस के तहत इसका लक्ष्य लगभग 76,000 बताया गया है। इन अनुमानों में तेल कीमतों में उतार-चढ़ाव, वैश्विक माहौल, मौद्रिक (volatility, global environment, monetary) नीति, घरेलू मांग और विदेशी निवेशकों की भागीदारी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। सबसे अधिक संभावना बेस केस की बताई गई है, जिसमें भारतीय बाजार स्थिर गति से आगे बढ़ता दिखता है।

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