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Share Market : गिरावट की मायूसी के बीच आज स्टॉक मार्केट में हुई जबरदस्त रिकवरी

Share Market : शेयर बाजार में निवेशकों के लिए अच्छी खबर है। सोमवार को शेयर बाजार में भारी गिरावट आई थी, लेकिन आज इसमें जबरदस्त सुधार हुआ है। बीएसई (BSE) सेंसेक्स शुरुआती सत्र में 963.48 अंकों की छलांग लगाने के बाद 79,722.88 अंकों पर खुला। वहीं, एनएसई (NSE) निफ्टी 295.00 अंकों की बढ़त के साथ 24,350.60 अंकों पर पहुंच गया। इक्विटी के मामले में टाटा स्टील, महिंद्रा (Tata Steel, Mahindra) और मोटर्स सभी में काफी मजबूत वृद्धि देखी जा रही है। हिंदुस्तान यूनिलीवर एकमात्र ऐसा शेयर है, जिसमें इस समय गिरावट आ रही है। उद्योग जगत के विशेषज्ञों का कहना है कि हालांकि बाजार में आज फिर से तेजी देखने को मिल रही है, लेकिन निवेशकों को सावधानी बरतनी चाहिए। अंतरराष्ट्रीय बाजार अस्थिर है। अंतरराष्ट्रीय बाजार इससे प्रभावित होते हैं। ऐसी परिस्थिति में जल्दबाजी में निर्णय लेना नुकसानदेह होगा। वास्तव में, यह दीर्घकालिक निवेश के लिए अनुकूल संभावना प्रस्तुत करता है। प्रतिष्ठित व्यवसायों के शेयरों में थोड़ी राशि का निवेश किया जा सकता है। म्यूचुअल फंड में निवेशक एक नया एसआईपी स्थापित कर सकते हैं और उच्च रिटर्न प्राप्त कर सकते हैं।

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“विश्व मंदी की छाया: भारतीय शेयर बाजार में भूचाल”

आपको बता दें कि अमेरिकी मंदी की आशंका के चलते सोमवार को दुनियाभर के शेयर बाजारों में भारी गिरावट देखने को मिली। बीएसई सेंसेक्स (Sensex) में 2,200 अंकों से ज्यादा की गिरावट देखने को मिली। वहीं, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के निफ्टी (Nifty) में 662 अंकों की भारी गिरावट देखने को मिली। बैंक, आईटी, मेटल और ऑयल एंड गैस के सभी शेयरों में बिकवाली देखने को मिली। 4 जून के बाद सेंसेक्स और निफ्टी में यह एक दिन की सबसे बड़ी गिरावट थी। आम चुनाव के नतीजों के बाद उस दिन बाजार में करीब पांच फीसदी की गिरावट देखने को मिली थी। सोमवार को बीएसई में लिस्टेड कंपनियों का बाजार पूंजीकरण घटकर 441.84 लाख अरब रुपये रह गया। सिर्फ दो दिनों में ही निवेशकों को करीब 19 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हो गया।

वैश्विक बाज़ारों में गिरावट: “कैरी ट्रेड” की समाप्ति की आशंका

जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज (Financial Services) के शोध प्रमुख विनोद नायर के अनुसार, अमेरिकी सरकार के निराशाजनक रोजगार आंकड़ों और येन के मूल्य में तेज वृद्धि के कारण मंदी की आशंका के कारण निवेशक सतर्क हो गए, जिससे वैश्विक बाजारों में भारी गिरावट आई, जिससे “कैरी ट्रेड” (The Carry Trade) या कम लागत पर पैसा उधार लेकर उसे विदेशी परिसंपत्तियों में निवेश करने की प्रथा समाप्त हो सकती है। शेयर बाजार के आंकड़ों से पता चलता है कि सोमवार को विदेशी संस्थागत निवेशकों ने 10,000 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य के शेयर बेचे।

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