Share Market: लगातार गिरावट के बीच आई ये खुशखबरी
Share Market: पिछले तीन दिनों से भारतीय शेयर बाजार (Share Market) में लगातार गिरावट देखने को मिल रही है। गुरुवार को सेंसेक्स करीब 81000 पर बंद हुआ, जबकि सितंबर के आखिरी हफ्ते में यह करीब 86000 अंक पर था। इजरायल और ईरान के बीच बढ़ते तनाव के बीच एफआईआई द्वारा की गई बिकवाली शेयर बाजार में गिरावट से जुड़ी है। दोनों देशों के बीच बढ़ते तनाव की वजह से निवेशक डरे हुए माहौल में काम कर रहे हैं। भारत और इन दोनों देशों के बीच व्यापारिक संबंध हैं।
अगर इस स्थिति में कोई संघर्ष छिड़ता है, तो एफआईआई किसी भी बड़े नुकसान से बचने के लिए पैसा निकालकर सुरक्षित संपत्तियों पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। चीन में पैसा लगाया जा रहा है और भारत से बाहर निकाला जा रहा है। वित्तीय संस्थान भारतीय बाजार (Share Market) से पैसा निकालकर चीनी बाजार में लगा रहे हैं। नतीजतन चीनी बाजार में तेजी आ रही है। कुछ दिन पहले चीन द्वारा वित्तीय पैकेज की घोषणा के बाद चीनी बाजार में तेजी आ रही है।
क्या यह पैटर्न चीनी बाजार में लंबे समय तक बना रहेगा?
एक ऑस्ट्रेलियाई ब्रोकरेज के अनुसार, हालांकि निवेशक अभी भी उस बाजार में रिटर्न कमा सकते हैं, लेकिन भारत में अभी भी दीर्घकालिक निवेश को प्राथमिकता दी जाती है।
चीन और भारत के बीच चयन करना “कठिन” है।
मैक्वेरी ने एक नोट में कहा कि निवेशक अब एक कठिन परिस्थिति का सामना कर रहे हैं। चीन और भारत के बीच चयन करना अधिक से अधिक “कठिन” होता जा रहा है। उन्होंने प्रत्येक बाजार के फायदे और नुकसान की जांच की। इसने कहा कि निवेशक चीन द्वारा अपने वित्तीय पैकेज के खुलासे से आकर्षित हो सकते हैं। इस तरह की और घोषणाएं चीनी शेयर बाजार को प्रोत्साहित करने में मदद कर सकती हैं। हालांकि, भारत लंबे समय तक प्रमुख देश बना रहेगा।
Share Market को प्रभावित करने वाले ये हैं तीन “नकारात्मक” कारक
ऑस्ट्रेलियाई ट्रेडिंग फर्म ने कहा कि इस समय भारतीय शेयर बाजार को प्रभावित करने वाले तीन “नकारात्मक” कारक हैं। इनमें उच्च मूल्य और धीमी आर्थिक विकास शामिल हैं। मैक्वेरी के एक पेपर के अनुसार, भारतीय बाजारों में हाल ही में आई मजबूत उछाल का श्रेय DII द्वारा फंड के बढ़ते आवंटन को दिया जा सकता है। हालांकि, यह व्यक्तिगत शेयरों पर बड़े रिटर्न की धारणा को खारिज करता है।
विदेशी निवेशकों के लगातार बाहर जाने के कारण यह गिरावट आई
शेयर बाजार से विदेशी निवेशकों के लगातार बाहर जाने के कारण यह गिरावट आई है। शेयर बाजार का हाल बीएसई सेंसेक्स गुरुवार रात 495 अंक नीचे बंद हुआ, जबकि एनएसई निफ्टी में 221 अंक की गिरावट देखी गई। एफएमसीजी, कार और रियल एस्टेट कंपनियों के शेयरों में सबसे ज्यादा गिरावट देखी गई। 30 शेयरों पर आधारित बीएसई का बेंचमार्क सेंसेक्स शुक्रवार को 494.75 अंक की गिरावट के साथ 81,006.61 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान एक समय यह 595.72 अंक तक गिर गया था। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी सूचकांक 221.45 अंक गिरकर 24,749.85 अंक पर बंद हुआ।