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Zen Technologies: ड्रोन बनाने वाली इस कंपनी ने भरी उड़ान, निवेशकों को दिया भारी रिटर्न

Zen Technologies: 2030 तक भारत दुनिया की नई ड्रोन राजधानी बन जाएगा.  फिक्की के अनुसार भारत का ड्रोन उद्योग 23 अरब डॉलर से अधिक का होने की उम्मीद है. इस घोषणा के परिणामस्वरूप आज एंटी-ड्रोन (Anti-drones) बनाने वाली कंपनी जेन टेक्नोलॉजीज के शेयर में उछाल देखने को मिल रहा है. सुबह इसकी कीमत 1782 रुपये से शुरू हुई और उसी दिन यह 1910 रुपये पर पहुंच गई. पांच साल पहले यह महज 63.70 रुपये थी. इस शेयर ने पिछले पांच सालों में 2800 प्रतिशत से अधिक का मल्टीबैगर रिटर्न दिया है.

Zen technologies
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पिछले साल इसने अपने निवेशकों के एक लाख रुपये को बढ़ाकर 2.5 लाख रुपये कर दिया था और महज छह महीने में इसे बढ़ाकर 1.86 लाख रुपये कर दिया है. इस साल अब तक इसने 136 प्रतिशत का शानदार रिटर्न दिया है. पिछले पांच दिनों में इसमें करीब पंद्रह प्रतिशत की उछाल देखी गई है.

2030 तक भारत दुनिया की नई ड्रोन राजधानी बन जाएगा. फिक्की के अनुसार, भारत का ड्रोन उद्योग 23 बिलियन डॉलर से अधिक का होने की उम्मीद है.  वर्तमान में, देश में 200 से अधिक ड्रोन-संबंधित कंपनियाँ हैं. स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (SIPRI) का दावा है कि भारतीय सेना के पास लगभग 2,500 मानव रहित हवाई वाहनों का बेड़ा है. निकट भविष्य में बेड़े में लगभग 5,000 ड्रोन होंगे. यह आत्मनिर्भर भारत के तहत अगली वैश्विक शक्ति बनने की ओर अग्रसर है.

विशेषताएँ

केंद्रीय मंत्रिमंडल की सुरक्षा समिति द्वारा इकतीस अमेरिकी MQ-9B प्रीडेटर ड्रोन की खरीद को अधिकृत किया गया है. अमेरिका से 31 ड्रोन खरीदने के लिए 3.1 बिलियन डॉलर का सौदा हुआ है. इसका निर्माण अमेरिकी सैन्य ठेकेदार जनरल एटॉमिक्स द्वारा किया गया है.

नई शक्ति का उपयोग

नागास्त्रत-1, एक स्वदेशी आत्मघाती ड्रोन, सेना के नए हथियार के रूप में उभरा है. दुश्मनों को भेदने के अलावा, यह दुश्मन के गढ़ों, प्रशिक्षण शिविरों और लॉन्च पैड (Training camps and launch pads) को नष्ट कर सकता है. इसे चीन और पाकिस्तान की सीमा के पास तैनात करने का इरादा है.

कई देशों में है मौजूद

अमेरिका समेत कई अन्य देश सैन्य रूप से अमेरिका जितने ही मजबूत हैं, जिनके पास घातक MQ-9B प्रीडेटर ड्रोन है. नासा, इतालवी वायु सेना, ब्रिटिश रॉयल एयर फोर्स, फ्रांसीसी वायु सेना और स्पेनिश वायु सेना सभी अपने ऑपरेशन में ड्रोन का इस्तेमाल करते हैं.

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