Anil Ambani Company Share: इस कंपनी के शेयर खरीदने के लिए निवेशकों में मचा भूचाल
Anil Ambani Company Share: गुरुवार, 3 अक्टूबर को अनिल अंबानी की अगुवाई वाले रिलायंस समूह, जिसमें रिलायंस पावर और रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर (Reliance Power and Reliance Infrastructure) शामिल हैं, के शेयरों में 5% की बढ़ोतरी हुई. रिलायंस पावर के शेयर ने 52-सप्ताह के उच्चतम स्तर 53.65 रुपये और 5% के अपर सर्किट को छुआ. रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर ने उसी समय 4.1% की वृद्धि के साथ 345.80 रुपये के इंट्राडे उच्च स्तर पर पहुंच गया. शेयरों में यह वृद्धि एक महत्वपूर्ण घोषणा से संबंधित है. निगम ने पहले ही घोषणा की है कि वह भूटान में कारोबार के लिए खुलेगा.
रिलायंस समूह ने पिछले बुधवार को कहा कि वह पड़ोसी देश में 1,270 मेगावाट की जलविद्युत और सौर ऊर्जा परियोजनाएं स्थापित करेगा. इसके बाद, रिलायंस पावर में आज एक और अपर सर्किट लगा. आपको बता दें कि पिछले कई कारोबारी सत्रों से रिलायंस पावर में अपर सर्किट (Upper Circuit) लग रहा है. एक महीने में कंपनी के शेयरों में 85% की बढ़ोतरी हुई थी. इसी अवधि में पिछले महीने रिलायंस इंफ्रा के शेयरों में 70% की बढ़ोतरी हुई है. आज बाजार में 1,300 अंकों की गिरावट आई, जिससे निवेशकों को कुछ ही मिनटों में 6 लाख करोड़ का नुकसान हुआ. उस परिस्थिति में भी अनिल अंबानी के शेयर बड़ी मात्रा में खरीदे जा रहे थे.
क्या है खास जानकारी
फर्म ने एक बयान में कहा कि उसने भूटान सरकार की वाणिज्यिक और निवेश शाखा, ड्रुक होल्डिंग एंड इन्वेस्टमेंट्स लिमिटेड (DHI) के साथ रणनीतिक सहयोग व्यवस्था की है. इसका लक्ष्य भूटान के हरित और नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में निवेश को प्रोत्साहित करना है. भूटान के नवीकरणीय और हरित ऊर्जा उद्योग में निवेश करने के लिए, रिलायंस समूह ने रिलायंस एंटरप्राइजेज नामक एक नई फर्म की स्थापना की. मुंबई स्टॉक एक्सचेंज (MSE) में सूचीबद्ध रिलायंस पावर लिमिटेड और रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड, दोनों मिलकर इसका विपणन करेंगे. अगले दो वर्षों में, रिलायंस एंटरप्राइजेज दो चरणों में 500 मेगावाट की सौर परियोजना बनाने की योजना बना रही है. इस कारखाने का स्थान भूटान के गेलेफू माइंडफुलनेस सिटी में होगा.
कंपनी की क्या है रणनीति?
इस समझौते के तहत रिलायंस पावर और ड्रुक होल्डिंग मिलकर 770 मेगावाट की चामखारचू-1 जलविद्युत परियोजना बनाएंगे. भूटान में सरकारी नीति के अनुसार, इस परियोजना को रियायत मिलेगी. प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, “रिलायंस समूह भूटान में सरकारी स्वामित्व वाली कंपनियों के साथ मिलकर बुनियादी ढांचा परियोजनाओं को लागू करेगा जो भूटान के शुद्ध-शून्य उत्सर्जन लक्ष्यों का समर्थन करती हैं.” सहयोग समझौते पर ड्रक होल्डिंग एंड इन्वेस्टमेंट्स के सीईओ उज्ज्वल दीप दहल और रिलायंस पावर लिमिटेड के अध्यक्ष (Corporate Development) हरमनजीत सिंह नागी ने अनिल अंबानी की मौजूदगी में हस्ताक्षर किए. हम आपको बताना चाहते हैं कि रिलायंस पावर के पास कुल मिलाकर 5,340 मेगावाट की स्थापित क्षमता है, जिसमें मध्य प्रदेश के सासन में स्थित 4,000 मेगावाट का सुपर मेगा पावर प्लांट भी शामिल है. रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर ऊर्जा उद्योग में एक खिलाड़ी है जो दिल्ली में बिजली वितरण और मुंबई मेट्रो जैसी परियोजनाओं पर केंद्रित है.
आपको बता दें कि अनिल अंबानी के शेयर की कीमत में काफी गिरावट का दौर था. निगम के शेयर की कीमत लगातार गिर रही थी. समूह के अधिकांश शेयर में लगभग 90% की गिरावट आई थी. निवेशक अब लगातार धन जुटाने और कर्ज कम करने की कंपनी की रणनीति का जोरदार समर्थन करते हैं. कंपनी (Company) के दो मुख्य लक्ष्य विस्तार करना और अपने कर्ज का भुगतान करना है.